ये तो हम ही जानते हैं लिखेंगे जो हम सब तो पन्ने कम पड़ जाएंगे। ये तो हम ही जानते हैं लिखेंगे जो हम सब तो पन्ने कम पड़ जाएंगे।
कुछ और वक्त लगेगा शब्द से मोती चुनने में पर पता है कुछ मनोरम लिख जाऊँगा.. कुछ और वक्त लगेगा शब्द से मोती चुनने में पर पता है कुछ मनोरम लिख जाऊँगा..
कल कल है अगर शब्द तो नदी है कविता गर्जन है गर शब्द तो बिजली है कविता कल कल है अगर शब्द तो नदी है कविता गर्जन है गर शब्द तो बिजली है कविता
थके-थके से शब्द हैं तो भी थके-थके से शब्द हैं तो भी
थके-थके से शब्द हैं तो भी छुक-छुक रेलगाड़ी-सी चल रही है.............. थके-थके से शब्द हैं तो भी छुक-छुक रेलगाड़ी-सी चल रही है..............
मन का दरवाजा खटखटा के, रात को नींद से जगाते हो। मन का दरवाजा खटखटा के, रात को नींद से जगाते हो।